कल से प्रदेश में शुरू होंगी हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं, अतिसंवेदनशील व संवेदनशील केंद्र घोषित
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रामनगर। उत्तराखंड में इंटर व हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षाएं गुरुवार यानी कल से शुरू हो जाएंगी। पहले दिन इंटर का हिंदी का पर्चा होगा। नकल विहीन और शांतिपूर्ण परीक्षाएं करवाने के लिए उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने अपनी तैयारी पूर्ण कर ली है। परीक्षाएं छ: अप्रैल तक चलेंगी।
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की सचिव डॉ. नीता तिवारी ने बताया कि राज्य के कुल 1253 परीक्षा केंद्रों में इस बार कुल दो लाख उनसठ हजार तीन सौ चालीस परीक्षार्थी शामिल होंगे। जिसमें हाईस्कूल के 1,32,104 परीक्षार्थी बैठेंगे। इनमें 1,29,982 परीक्षार्थी संस्थागत एवं 2,122 परीक्षार्थी व्यक्तिगत है। इंटरमीडिएट में 1,27,236 परीक्षार्थी शामिल होंगे। जिनमें 1,23,426 संस्थागत व 3,810 व्यक्तिगत परीक्षार्थी पंजीकृत हुए हैं।
13 जिलों में 1,253 परीक्षा केंद्र
राज्य के कुल 13 जनपदों में 1,253 केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें हरिद्वार जिले में 109 केंद्र, देहरादून में 127, उत्तरकाशी में 63, टिहरी में 145, पौड़ी में 135, चमोली में 108, रुद्रपयाग में 69, पिथौरागढ़ में 87, चम्पावत में 139, अल्मोड़ा में 118, बागेश्वर में 58, नैनीताल में 109 और उधमसिंह नगर में 92 परीक्षा केंद्र बनाए गए है।
15 अति संवेदनशील व 198 संवेदनशील केंद्र
राज्य के परीक्षा केंद्रों में 15 केंद्र अतिसंवेदनशील हैं। जिनमें हरिद्वार जनपद में 09, पौड़ी जनपद में 05 और पिथौरागढ़ जिले में 01 केंद्र अति संवेदनशील घोषित किया गया है। जबकि 198 केंद्र संवेदनशील घोषित किए गए हैं, इनमें हरिद्वार में 20, देहरादून में 03, उत्तरकाशी में 01, पौड़ी में 06, चमोली में 18, रुद्रपयाग में 04, पिथौरागढ़ में 21, चम्पावत में 13, अल्मोड़ा में 22, बागेश्वर में 11, नैनीताल में 34 और उधमसिंह नगर में 45 परीक्षा केंद्र संवेदनशील माने गए हैं। इन सभी केंद्रों पर नकल रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए बोर्ड मुख्यालय में चौबीस घंटे चलने वाला कंट्रोल रूम बनाया गया है।
परीक्षा केंद्रों में इलेक्ट्रिक उपकरणों पर रोक
सचिव डॉ नीता तिवारी ने बताया कि परीक्षा केंद्रों में कोई भी इलेक्ट्रिक उपकरण जैसे मोबाइल फोन, घड़ी आदि ले जाना पूर्णतः वर्जित रहेगा। ये नियम ड्यूटी पर तैनात लोगों के लिए भी रहेगा। परीक्षाओं को नकलविहीन बनाने के लिए प्रदेश, मंडल, जिला, बोर्ड व ब्लॉक स्तर पर टीमों का गठन किया गया है।
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