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लेखपाल संघ ने राजस्व परिषद अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन

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रामनगर। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित डिजिटल कृषि योजना में आच्छादित एग्री स्टेक कार्यक्रम में फसल बीमा, पीएम किसान व फार्मर डायरेक्टरी के लिए कृषकों का समेकित डाटाबेस तैयार किए जाने की प्रक्रिया के तहत प्रदेश के भू-अभिलेखों में खातेदारों के वर्तमान खतीनी के अनुसार भूमि के खसरों के क्षेत्रफल के सापेक्ष संबंधित की भूमि का पृथक-पृथक हिस्से के क्षेत्रफल का निर्धारण किया जाना है। प्रत्येक खातेदार का डाटाबेस तैयार के लिए अंतिम तिथि 31 मई 2023 तय की गई है। बुधवार को इस संबंध में उत्तराखंड लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष हकुमचंद पाल के नेतृत्व में प्रतिनिथिमंडल ने देहररादून में राजस्व परिषद अध्यक्ष राधा रतूडी को अंश निर्धारण में आने वाली व्यवहारिक दिक्कतों से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा।
लेखपाल संघ के प्रदेश महामंत्री तारा चन्द्र घिल्डियाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश जमीदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 की धारा 176 के अनुसार परगना मजिस्ट्रेट के न्यायालय में जोत का विभाजन एक न्यायिक प्रक्रिया है।भू -राजस्व अधिनियम की धारा 32 के अनुसार कहीं भी गाटा संख्या के क्षेत्रफल में अंश निर्धारण करने का प्रावधान नहीं है। गाटा संख्या के स्थान पर खाते में अंश निर्धारित किया जा सकता है।घिल्डियाल ने बताया कि अंश निर्धारण कार्य गुणवत्तापरक एवं त्रुटिरिहित पूर्ण किए जाने के लिए समय अवथि निश्चित किया जाना उचित नहीं है। यदि अंश निर्धारण कार्य संपूर्ण होने के बाद विवाद उत्पन्न हो तो उसके निस्तारण के लिए केवल सक्षम राजस्व न्यायालयों को अपील की सुनवाई एवं निस्तारण का अधिकार प्रदान किया जाए।

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