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सरकार के बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे खोखले,ब्रजेश हॉस्पिटल में बची महिला की जान

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रामनगर।उत्तराखंड सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं जनता को देने के बड़े-बड़े दावे करती है।लेकिन धरातल पर देखा जाए,तो सरकार के यह दावे पूरी तरह खोखले साबित हो रहे हैं।ऐसा ही एक मामला अल्मोड़ा जनपद का सामने आया है।बता दें कि अल्मोड़ा जनपद के मानिला इलाके की रहने वाली 60 वर्षीय महिला विमला देवी जो कि पेट दर्द से परेशान थी और इस महिला के पुत्र दिल्ली में नौकरी करते हैं। बुधवार को महिला की हालत ज्यादा बिगड़ने पर गांव के कुछ लोग चंदा करके इस महिला को उपचार के लिए रामनगर के ब्रजेश हॉस्पिटल पहुंचे,जहां चिकित्सालय के एमडी डॉ अभिषेक अग्रवाल ने इस महिला का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए उसकी पित्त की थैली का ऑपरेशन करने के बाद 20 सेंटीमीटर की पित्त की थैली निकालने के साथ ही इस थैली में 70 से अधिक पथरी निकाली। उन्होंने बताया कि पित्त की थैली में पूरी तरह मवाद भर गया था, यदि समय पर इस महिला का ऑपरेशन नहीं किया जाता,तो उसकी जान भी जा सकती थी। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पहली बार इतना बड़ा पित्त की थैली का ऑपरेशन किया गया है। साथ ही डॉ अभिषेक का कहना है कि आमतौर पर पित्त की थैली 4 से 5 सेंटीमीटर की होती है लेकिन इस महिला की थैली 20 सेंटीमीटर की थी, जोकि हैरान करने वाली बात है।उन्होंने बताया कि महिला पूरी तरह स्वस्थ है, तो वहीं यह भी बताया जाता है कि जब इस महिला के पेट में दर्द हुआ तो महिला को गांव में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन यहां इस महिला को दर्द से राहत देने के लिए एक इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं हुआ। ऐसे में आप स्वयं ही सोच सकते हैं, कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा का क्या हाल है। सरकार चाहे कितने ही दावे कर ले। लेकिन पर्वतीय क्षेत्रों में आज भी ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर पूरी तरह वंचित है। तो वही स्वास्थ्य सुविधा ना मिलने के कारण कई लोग दम भी तोड़ रहे है। सरकार जो भी दावे स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कर रही है,उसमें अभी बहुत कुछ सुधार की आवश्यकता है। सरकार को पर्वतीय क्षेत्र में रह रहे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए धरातल पर काम करना होगा।तभी यहां रह रहे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो पाएगी।

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