बालिका शिक्षा के लिए खुला सावित्रीबाई फुले स्कूल
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रामनगर। ग्राम पटरानी में सावित्रीबाई फुले सांयकालीन स्कूल का शुभारंभ किया गया। रचनात्मक शिक्षक मंडल की पहल पर बालिका शिक्षा को प्रेरित करने के लिए खुले इस स्कूल की शुरुआत सांस्कृतिक टीम उज्यावक दगडी ने हीरा सिंह राणा के गीत लस्का कमर बांधा से हुई।
सोमवार को पटरानी में कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अधिवक्ता गिरीश चन्द्र गोपी ने कहा सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योतिबा फूले के साथ मिलकर 170 साल पहले बालिका शिक्षा के लिए जो काम किया वह आज भी अनुकरणीय है। सावित्रीबाई जब लड़कियों को पढ़ाने जाती थीं, तब उन पर पुरातनपंथी विचारों के लोग कीचड़ व गोबर फेंकते थे, इसलिए वह अपने थैले में बदलने के लिए अतिरिक्त साड़ी लेकर जाती थीं।विक्रम मावड़ी ने कहा सावित्रीबाई फुले के संघर्षों की वजह से स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार मिला। शिक्षक मंडल संयोजक नवेन्दुर मठपाल ने सभी का आभार जताया। इंकलाबी नौजवान सभा की रेखा आर्या ने विधिवत रिबन काटकर स्कूल का शुभांरभ किया।अध्यक्षता भोजनमाता जानकी देवी ने की। शिक्षक मंडल द्वारा बड़े बच्चों को आईटी शिक्षा में पारंगत करने के लिए एक कम्प्यूटर भी भेंट किया।
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