रामनगर।राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड विधानसभा का सत्र समय से पहले ही अवसान करने और अपनी घोषणा के बावजूद राज्य आंदोलनकारियों के लिए दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बिल को विधानसभा में पेश न करने पर आक्रोश जताया हैं।
शुक्रवार को उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की रानीखेत रोड स्थित एक होटल में बैठक हुई। बैठक में राज्य आंदोलनकारियों के दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के सवाल पर राज्य सरकार के रुख को आंदोलनकारियों के साथ धोखा बताया है।बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष और राज्य आंदोलनकारी धीरेंद्र प्रताप, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महामंत्री और राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी,आंदोलनकारी हरिमोहन,और स्वाधीनता सेनानी आश्रित भारत नंदन भट्ट,मनीष कुमार आदि ने राज्य सरकार के हाल के विधानसभा सत्र में 10% से अधिक आरक्षण बिल पास ना किए जाने की कड़ी आलोचना की और राज्य सरकार के इस रूप को राज्य निर्माण आंदोलनकारी विरोधी करार दिया। धीरेंद्र प्रताप और प्रभात ध्यानी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह राज्य निर्माण आंदोलनकारियों का अपमान है।बैठक में राज्य आंदोलनकारियों ने गैरसैंण में विधानसभा सत्र न किये जाने पर रोष जताया। अंकिता भंडारी,किरण नेगी हत्याकांड के दोषियों को राज्य सरकार पर बचाए जाने का आरोप लगाया।जगदीश हत्याकांड में सरकार की संवेदनहीनता एंव चुप्पी पर आक्रोश जताते हुए परिजनों को नौकरी, उचित मुआवजा दिए जाने की भी मांग की।