विजय दिवस ( भारत-पाक युद्ध) के अवसर पर रामनगर के पूर्व सैनिकों ने अर्पित की शहीदों को श्रद्धांजलि
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रामनगर,रागिब खान।पूर्व सैनिकों ने शहीद हुए सैनिकों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।16 दिसंबर 1971 का विशेष दिन उस विजय गाथा की दास्तान है जिसकी शुरुआत 3 दिसम्बर 1971 को हुई थी और जिसका अंत 16 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तान की करारी हार के साथ हुआ। उस दिन के बाद से हर साल इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। ये सिर्फ भारत की ही विजय नहीं थी बल्कि पकिस्तानी हुकूमत और सेना द्वारा पूर्वी पकिस्तान के लोगों पर किये जा रहे क्रूर अत्याचार का अंत भी था। इस युद्ध के बाद पूर्वी पकिस्तान आजाद हुआ जिसे आज गुरुवार को बंगलादेश के नाम से जानते हैं। इस युद्ध ने दुनिया का नक्शा बदल दिया था। ये भारतीय सेना के पराक्रम, भारत सरकार की इच्छाशक्ति और पूर्वी पकिस्तान के लोगों के साहस की कहानी है।
आज के दिन पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी ने 93000 पाकिस्तानी सैनिकों के भारतीय सेना के समक्ष एक तरफा और बिना शर्त आत्मसमर्पण वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया। उस समय बांग्लादेश मुक्ति वाहिनी का नेतृत्व भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा कर रहे थे। नियाजी ने अपने बिल्ले को उतार कर और प्रतीक स्वरूप अपनी रिवॉल्वर लेफ्टिनेंट जनरल अरोड़ा को सौंप कर आत्मसमर्पण की घोषणा की। इस युद्ध में बांग्लादेश मुक्तिवाहिनी के 3843 जवान शहीद हुए जिसमे भारतीय और बंगलादेशी शामिल थे। ढाका का रमना रेस कोर्स जो अब सुहरावर्दी उद्यान के नाम से जाना जाता है, इस ऐतिहासिक घटना का गवाह बना। विजय दिवस के इस अवसर पर रामनगर क्षेत्र के पूर्व सैनिकों ने शहीद पार्क लखनपुर पहुंच और 1971 में शहीद हुए वीर सपूतों को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर पूर्व सैनिकों ने शहीद मेजर राजेश अधिकारी, शहीद रामप्रसाद ध्यानी एवं शहीद विश्वबंधु रावत के चित्र के समक्ष मोमबत्ती जलाकर, पुष्प अर्पित कर व माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद पार्क का पूरा इलाका “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम” एवं “देश के अमर सपूत, अमर रहें अमर रहें” के उद्घ़ोषों से गूंज उठा था।इस दौरान उत्तराखंड पूर्व सैनिक लीग रामनगर के अध्यक्ष सूबेदार मेजर नवीन पोखरियाल, पूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष सूबेदार मेजर कुलवंत सिंह रावत, उपाध्यक्ष सूबेदार मेजर दामोदर जोशी, सचिव व सभासद भुवन डंगवाल, आडिटर कैप्टन पूरन सिंह बिष्ट,संगठन मंत्री हवलदार भारत बन्धु रावत, ब्लाक प्रतिनिधि चन्द्र मोहन मनराल, सूबेदार दिगम्बर सौंठियाल, सूबेदार ललित मोहन रावत, कंपनी हवलदार मेजर धर्म सिंह धपोला, हवलदार लोकमान सिंह, हवलदार पद्म सिंह आदि मौजूद रहे।
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