वन कर्मचारियों की लामबंदी हुई तेज
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रामनगर। तराई पूर्वी वन प्रभाग की रनसाली रेंज में खैर के पेड़ काटने के मामले में वन विभाग के पांच संगठनों ने सोशल मीडिया के जरिये वनकर्मचारियों को दबाव में लेने के आरोप लगाए। रामनगर वन परिसर में बुधवार को हुई बैठक में वन कर्मचारियों के संगठनों ने चेताया कि यदि मामले में वनकर्मियों पर कोई कार्रवाई हुई तो संगठन आंदोलन को बाध्य होंगे।
रामनगर वन परिसर स्थित संघ भवन में सहायक वन कर्मचारी संघ, उप वन क्षेत्राधिकारी संघ, वन क्षेत्राधिकारी संघ, वन आरक्षी व वन वीट अधिकारी संघ के पदाधिकारियों ने बैठक की। इस दौरान समाचार पत्रों में प्रकाशित रनसाली वन क्षेत्र में आरक्षित वन क्षेत्र में वन गुर्जरों के अवैध जुताई कर अतिक्रमण तथा खैर वृक्षों के अवैध पातन पर चर्चा की गई। वन कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि आरोपी वन गुर्जरों ने वन कर्मचारियों को दबाव में लेने के लिए सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार किया। मांग की गई कि सम्पूर्ण वृत्त के तराई क्षेत्रों में वनक्षेत्र में अवैध जुताई कर खेती करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही वन कर्मचारियों के संगठनों ने उच्चाधिकारियों को चेताया कि उक्त प्रकरण में रनसाली रेंज के किसी भी कर्मचारी के विरुद्ध कोई दण्डात्मक कार्रवाई हुई तो संगठनों एकजुट होकर धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे। बैठक में देवेन्द्र सिंह रजवार, पूरन सिंह खनायत, बिरेन्द्र प्रसाद पांडे, इन्द्रलाल, बृजमोहन सिंह रावत, मोहन चन्द पांडे, कैलाश छिम्वाल, धर्मपाल नेगी, प्रेम सिह, अरुण कुमार आदि रहे।
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